Aaj Gagan Men Aag Lagi Hai
आज गगन में आग लगी है
जलते चाँद सितारे सितारे
धरती पर भी मेरे मन में
भड़क रहे अंगारे
भड़क रहे अंगारे
आओ आओ अब तो आओ
दुःख से हमे छुड़ाओ
दुःख से हमे छुड़ाओ
प्रभु आओ आओ आओ
प्रभु आओ आओ आओ
मैं आख हू आँख पिया तुम
मैं पंछी तुम पंख पिया तुम
बरस बरस और दो नैनो
इनको धीर बंधाओ बंधाओ
प्रभु आओ आओ आओ
पाप और दुख ने मुझको घेरा
छाया चारो और अँधेरा
कब चरणों में शरण मुझे दो
मेरी लाज बचाओ बचाओ
प्रभु आओ आओ आओ