Bhool Huyi Kya Mujhse Bhagwan
भूल हुई क्या मुझसे भगवन क्या है दोष हमारा
लिखा विधता किन घडियो में ऐसा लेख हमारा
लिखा विधता किन घडियो में ऐसा लेख हमारा
शिव का धनुष तोड़ जब डाला
तब डाली मैंने वरमाला
वो कुछ पल इतने मन भाए
कुमकुम लाल गुलाल उड़ाये
मन से मैं मिल एक हुए थे
उन चरणों में अपना तन मन वारा
लिखा विधता किन घडियो में
ऐसा लेख हमारा
भूल हुई क्या मुझसे भगवन
क्या है दोष हमारा
लिखा विधता किन घडियो में
ऐसा लेख हमारा
राज तिलक का शुभ दिन आया
स्वर्ग उतर धरती पर आया
जगमग दीपक मॉल सजाई
घर घर बंज उठी शहनाई
पर भी ये सुख देख न पाया
बुझे दिप और घिर आया अँधियारा
लिखा विधता किन घडियो में
ऐसा लेख हमारा
भूल हुई क्या मुझसे भगवन
क्या है दोष हमारा
लिखा विधता किन घडियो में
ऐसा लेख हमारा
भूल हुई क्या मुझसे भगवन
क्या है दोष हमारा
लिखा विधता किन घडियो में
ऐसा लेख हमारा