Do Chamakti Ankhon Mein
दो चमकती आँखों में कल ख़्वाब सुनहरा था जितना
हाय, ज़िंदगी तेरी राहों में आज अँधेरा है उतना
दो चमकती आँखों में कल ख़्वाब सुनहरा था जितना
हाय, ज़िंदगी तेरी राहों में आज अँधेरा है उतना
हमने सोचा था जीवन में फूल चाँद और तारे हैं
क्या ख़बर थी साथ में इनके काँटे और अंगारे हैं
हमपे क़िस्मत हँस रही है
हमपे क़िस्मत हँस रही है, कल हँसे थे हम जितना
दो चमकती आँखों में कल ख़्वाब सुनहरा था जितना
हाय, ज़िंदगी तेरी राहों में आज अँधेरा है उतना
इतने आँसू इतनी आहें दिल के दामन में लेकर
जाने कब तक चलना होगा सूनी-सूनी राहों पर
ऐ मुक़द्दर ये तो बता दे
ऐ मुक़द्दर ये तो बता दे मुझको सहना है कितना
दो चमकती आँखों में कल ख़्वाब सुनहरा था जितना
हाय, ज़िंदगी तेरी राहों में आज अँधेरा है उतना
दो चमकती आँखों में कल ख़्वाब सुनहरा था जितना
हाय, ज़िंदगी तेरी राहों में आज अँधेरा है उतना