Mohabbat Ki Duniya Men Barbad Rahna

Hafiz Khan, Shevan Rizvi

मोहब्बत की दुनिया में बरबाद रहना
मगर कुछ ना कहना
मोहब्बत की दुनिया में
ज़माने के ये दुख ओ दर्द हँस हँस के सहना
मगर कुछ ना कहना
मोहब्बत की दुनिया में

मेरे दिल का शीशा अगर टूट जाये
और हाथों से दामन तेरा छूट जाये
दामन तेरा छूट जाये

तो ख़ुद बन के आँसू इन आँखों से बहना
तो ख़ुद बन के आँसू इन आँखों से बहना
मगर कुछ ना कहना
मोहब्बत की दुनिया में

सुनाऊँ किसे अपने ग़मों का फ़साना
सुनाऊँ किसे अपने ग़मों का फ़साना
धुआँ दे रहा है मेरा आशियाना
मेरा आशियाना

तमाशा समझ कर तू हँसी सेह लेना
तमाशा समझ कर तू हँसी सेह लेना
मगर कुछ ना कहना
मोहब्बत की दुनिया में

बिगाड़ा था मैने भला क्‌या किसी का
बिगाड़ा था मैने भला क्‌या किसी का
जो लूटा गया यूँ चमन ज़िन्दगी का
यूँ चमन ज़िन्दगी का

है दुनिया में रहना तो ग़म यूँ ही सहना
है दुनिया में रहना तो ग़म यूँ ही सहना
मगर कुछ ना कहना
मोहब्बत की दुनिया में

Curiosités sur la chanson Mohabbat Ki Duniya Men Barbad Rahna de Geeta Dutt

Qui a composé la chanson “Mohabbat Ki Duniya Men Barbad Rahna” de Geeta Dutt?
La chanson “Mohabbat Ki Duniya Men Barbad Rahna” de Geeta Dutt a été composée par Hafiz Khan, Shevan Rizvi.

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