Baarish Ki Jaaye
Sumit Goswami
मिल के भी हम ना मिले तुमसे ना जाने क्यूँ
मीलों के हैं फ़ासले तुमसे ना जाने क्यूँ
अनजाने हैं सिलसिले तुमसे ना जाने क्यूँ
सपने हैं पलकों तले, तुमसे ना जाने क्यूँ
तू जाने ना आ आ, तू जाने ना
तू जाने ना आ आ, तू जाने ना