Os Padi Thhi Raat Bahut

GULZAR

ओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर
सिली सी ख़ामोशी में आवाज़ सुनी फ़रमाइश पर
फ़ासले हैं भी और नहीं भी नापा तोला कुछ भी नहीं
लोग ब-ज़िद रहते हैं फिर भी रिश्तों की पैमाइश पर
मुँह मोड़ा और देखा कितनी दूर खड़े थे हम दोनों
आप लड़े थे हम से बस इक करवट की गुंजाइश पर
काग़ज़ का इक चाँद लगा कर रात अँधेरी खिड़की पर
दिल में कितने ख़ुश थे अपनी फ़ुर्क़त की आराइश पर

Curiosités sur la chanson Os Padi Thhi Raat Bahut de Gulzar

Qui a composé la chanson “Os Padi Thhi Raat Bahut” de Gulzar?
La chanson “Os Padi Thhi Raat Bahut” de Gulzar a été composée par GULZAR.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Gulzar

Autres artistes de Film score