Chhod Diya [Lo-Fi Flip]

KANIKA KAPOOR, SHABBIR AHMED

छोड़ दिया वो रास्ता
जिस रास्ते से तुम थे गुज़रे

छोड़ दिया वो रास्ता
जिस रास्ते से तुम थे गुज़रे
तोड़ दिया वो आईना
जिस आईने में तेरा अक्स दिखे

मैं शहर में तेरे था गैरों सा
मुझे अपना कोई ना मिला
तेरे लम्हों से मेरे ज़ख्मों से
अब तो मैं दूर चला
रुख़ ना किया उन गलियों का
जिन गलियों में तेरी बातें हो
छोड़ दिया वो रास्ता
जिस रास्ते से तुम थे गुज़रे

मैं था मुसाफ़िर राह का तेरी
तुझ तक मेरा था दायरा

मैं था मुसाफ़िर राह का तेरी
तुझ तक मेरा था दायरा
मैं भी कभी था मेहबर तेरा
ख़ानाबदोश मैं अब ठहरा
ख़ानाबदोश मैं अब ठहरा
छूता नहीं उन फूलों को
जिन फूलों में तेरी खुशबू हो
रूठ गया उन ख़्वाबों से
जिन ख़्वाबों में तेरा ख़्वाब भी हो

कुछ भी न पाया मैंने सफर में
हो के सफर का मैं रह गया

कुछ भी न पाया मैंने सफर में
हो के सफर का मैं रह गया
कागज़ का बोशीदा घर था
भीगते बारिश में बह गया
भीगते बारिश में बह गया
देखूँ नहीं उस चाँदनी को
जिसमें के तेरी परछाई हो
दूर हूँ मैं इन हवाओं से
ये हवा तुझे छू के भी आयी न हो

Autres artistes de Alternative rock