Paakar Bhi Tumhen Hum Pa Na Sake
पाकर भी तुम्हे हम पा ना सके बहुत मजबूर थे
पाकर भी तुम्हे हम पा ना सके बहुत मजबूर थे
गम अपना तुम्हे सुना ना सके बहुत मजबूर थे
गम अपना तुम्हे सुना ना सके बहुत मजबूर थे
दुनिया ने मोहब्बत लुटी जब आँखों ने बहाये अश्क मगर
दुनिया ने मोहब्बत लुटी जब आँखों ने बहाये अश्क मगर
आँखों ने बहाये अश्क मगर
होठों पे शिकायत ला ना सके बहुत मजबूर थे
गम अपना तुम्हें सुना ना सके बहुत मजबूर थे
पाकर भी तुम्हे हम पा ना सके बहुत मजबूर थे
कूचे से तेरे यूँ गुज़रे थे दीदार भी तेरा पाया था
कूचे से तेरे यूँ गुज़रे थे दीदार भी तेरा पाया था
दीदार भी तेरा पाया था
पर पास तुम्हारे आ ना सके बहुत मजबूर थे
गम अपना तुम्हे सुना ना सके बहुत मजबूर थे
पाकर भी तुम्हे हम पा ना सके बहुत मजबूर थे