Apna Gham Bhool Gaye

C.K. CHAUHAN, FARUK KAISER, C K Chauhan

अपना गम भूल गए
तेरी जाफा भूल गए
हम तो हर बात मोहब्बत के
शिव भूल गए
अपना गम भूल गए

हम अकेले ही नहीं
प्यार के दीवाने सनम
हम अकेले ही नहीं
प्यार के दीवाने सनम
आप भी नजरें झूकाने की
अदा भूल गए
अपना गम भूल गए

अब तो सोचा है के
दामन ही तेरा थामेंगे
अब तो सोचा है के
दामन ही तेरा थामेंगे
हाथ जब हम
उठाये हैं दुआ भूल गए
अब तो हर बात मोहब्त
के शिव भूल गए
अपना गम भूल गए

शुक्र समझो या इसे
अपनी शिकायत समझो
शुक्र समझो या इसे
अपनी शिकायत समझो
तुम वो दर्द दिया है
के दावा भूल गए
अब तो हर बात मोहब्त
के शिव भूल गए
अपना गम भूल गए
तेरी जाफा भूल गए

Curiosités sur la chanson Apna Gham Bhool Gaye de Jagjit Singh

Quand la chanson “Apna Gham Bhool Gaye” a-t-elle été lancée par Jagjit Singh?
La chanson Apna Gham Bhool Gaye a été lancée en 2004, sur l’album “Apna Gham Bhool Gaye”.
Qui a composé la chanson “Apna Gham Bhool Gaye” de Jagjit Singh?
La chanson “Apna Gham Bhool Gaye” de Jagjit Singh a été composée par C.K. CHAUHAN, FARUK KAISER, C K Chauhan.

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