Dil Mein Tum Ho
Jigar Muradabadi, Jagjit Singh
दिल में तुम हो नज़र का हंगाम है
कुछ सहर का वक़्त है
कुछ शाम है
दिल में तुम हो
रंज-ओ-गम दिल की तबीयत बन चुके
रंज-ओ-गम दिल की तबीयत बन चुके
अब यहाँ आराम ही आराम है
दिल में तुम हो
पि रहा हु आँखों आँखों में शराब
पि रहा हु आँखों आँखों में शराब
अब न शीशा हे न कोइ जाम है
दिल में तुम हो नज़र का हंगाम है
दिल में तुम हो