Kabhi

JOSH, Q

कभी, मै ना चाहूं कोई खुशी
ना मै चाहूं ये ज़िंदगी
मेरे दिल मे तेरी कमी
हर सनम, हर पल है कोई कदम
हर दिल की चाहत मगन
दर दर के गुज़रे जानम
जंगलो और समुन्दरो मै समी
है राहते जो मिली ना कभी ये ये
इस हसीन समय की ये राहत समज मे आने लगी
बन जाएगी ये खुशी, मिल जाएगी ये खुशी
कितने समय गुज़र गये, बिछड़ गये इस समय
बन जाएगी ये ज़मीन

कभी मै चाहूं सब के लिए
खुल जाए दिल मे छुपे, छोटे छोटे घम के गीले
ओह कभी, मै चाऊं तेरे लिए,
मै चाहूं मेरे लिए, जो गाओं सब के लिए ए ए
जंगलो और समुन्दरो मै समी (समी )
ए राहते जो मिले ना कभी ये ये(ए राहते जो मिले ना कभी ये ये)
इस हसी समय की ये राहत समज मे आने लगी लगी
बन जाएगी ये खुशी, मिल जाएगी ये खुशी
कितने समय गुज़र गये बिछड़ गये इस समय समय
बन जाएगी ये ज़मीन
ई ई ई हो हो
इस समय की आलीशान
उँचाए की तरहा, गाओ मै अब ये ये ये
रोक मुझ को मेरे खुदा
हमेशा और सदा, गाओ ज़रा ये ये ये
हूँ दीवाना मै तेरा, दीवाना तू मेरा
खामोशी है यहाँ
इस हसी समय की ये राहत समज मे आने लगी
बन जाएगी ये खुशी, मिल जाएगी ये खुशी (हाँ हाँ हाँ)
कितने समय गुज़र गये, बिछड़ गये इस समय
बन जाएगी ये ये ये ये
इस हसी समय की ये राहत समज मे आने लगी लगी
बन जाएगी ये खुशी, मिल जाएगी ये खुशी
कितने समय गुज़र गये, बिछड़ गये इस समय समय
बन जाएगी ये ज़मी ये ये ये (बन जाएगी ये ज़मी)

कभी कभी कभी

Curiosités sur la chanson Kabhi de Josh

Quand la chanson “Kabhi” a-t-elle été lancée par Josh?
La chanson Kabhi a été lancée en 2009, sur l’album “Kabhi”.
Qui a composé la chanson “Kabhi” de Josh?
La chanson “Kabhi” de Josh a été composée par JOSH, Q.

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