Jazba Jazba

AMITABH RANJAN

जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा
होंसलों का परिंदा भर रहा उड़ान
करने चला मुट्ठी में ये आसमान
हो..
फ़ितरत फ़तह और दिल में भर के तूफ़ान
हांसिल किया जो भी लिया शिद्दत से ठान
हर मंज़िल हो आगोश में
नाकामी रहे ठोकर तले
दिल में जूनून की आग लिए
दिल में जूनून की आग लिए
रफ़्तार से हर एक कदम चले
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा

ज़र्रा ज़र्रा सलामी दे
बस सोहरत का मंज़र हो
ऐसी प्यास जिसके आगे
छोटा हर समंदर हो
मुश्किल चाहे जैसे हो
डर को डराए जो
पीछे ना हेट कदम है आगे बढ़ाए वो
ना जाने कब ये सुबह हुई
ना जाने कब ये सुबह हुई
ना जाने कब ये शाम ढले
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा

खुद में वो एक आंधी है
और सैलाब है एक सीने में
मिट गई है जिसकी ख़्वाहिश
क्या रक्खा है जीने में
नैनों में वि तस्वीर दिल में कहानी है
ख्वाब तले जीने को अब ये जवानी है
यूँ रखे वक़्त को मुठ्ठी मे
यूँ रखे वक़्त को मुठ्ठी में
ना मर्ज़ी बिन है वक़्त टेल
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा
जज़बा जज़बा जज़बा जज़बा

Curiosités sur la chanson Jazba Jazba de Kailash Kher

Qui a composé la chanson “Jazba Jazba” de Kailash Kher?
La chanson “Jazba Jazba” de Kailash Kher a été composée par AMITABH RANJAN.

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