Kaghaz Ka Jahaz
कागज़ का जहाज़ बना के मैं ने है उड़ा दिया
घम को सारे मैं ने अपने यूँही है भुला दिया
झुटे सपने दिखा के तू ने मुझे है हिला दिया
जेब खाली और नाम ना होने का
यह क्या सिला दिया
यह सारे धोके बाज़ हैं
यह सारे धोके बाज़ हैं
मीठी मीठी बातों से दिल मेरा चुरा लिया
अब सीधे सादे लफ़्ज़ों में मैं कहता हूँ अलविदा
कागज़ का जहाज़ बना के मैं ने है उड़ा दिया
घम को सारे मैं ने अपने यूँही है भुला दिया
यह सारे धोके बाज़ हैं
यह सारे धोके बाज़ हैं
हू हू हू हू हू हू हू
हू हू हू हू हू हू हू
हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
यह सारे धोके बाज़ हैं
यह सारे धोके बाज़ हैं
यह सारे धोके बाज़ हैं