Madan Mohan Sings [Aapke Pehloon Mein]
MADAN MOHAN, RAJA MEHDI ALI KHAN
आपके पहलू में आकर रो दिये
दास्तान-ए-ग़म सुनाकर रो दिये
आपके पहलू में आकर रो दिये
ज़िन्दगी ने कर दिया जब भी उदास
ज़िन्दगी ने कर दिया जब भी उदास
आ गये घबरा के हम, मंज़िल के पास
सर झुकाया, सर झुकाकर रो दिये
सर झुकाया, सर झुकाकर रो दिये
आपके पहलू में आकर रो दिये
ग़म जुदाई का सहा जाता नहीं
ग़म जुदाई का सहा जाता नहीं
आपके बिन अब रहा जाता नहीं
प्यार में क्या क्या गँवा कर रो दिये
दास्तान-ए-ग़म सुनाकर रो दिये