Sham- E- Gham
शाम- ए- घाम कैसे गुज़ारे
मुझे याद नही
शाम- ए- घाम कैसे गुज़ारे
मुझे याद नही
याद कब आए तुम्हारी मुझे याद नही
याद कब आए तुम्हारी मुझे याद नही
शाम- ए- घाम कैसे गुज़ारे
मुझे याद नही
होश अपने मैं लूटने को चला आया था
होश अपने मैं लूटने को चला आया था
तूने महफ़िल ये साँवरी मुझे याद नही
शाम- ए- घाम कैसे गुज़ारे
मुझे याद नही
सिर्फ़ इतना तो समजता हूँ के मैं जीता हूँ
सिर्फ़ इतना तो समजता हूँ के मैं जीता हूँ
ज़िंदगी इस लिए प्यारी हैं मुझे याद नही
शाम- ए- घाम कैसे गुज़ारे
मुझे याद नही
हो शाम- ए- घाम कैसे गुज़ारे
मुझे याद नही