Kyu Dikhe Muje Tu Sir Hane Mere

Akhil Sachdeva

क्यूँ दिखे मुझे तू सिरहाने मेरे
सोच के तेरी बातें हम मुस्कुराने लगे
हाए हाए हाए
क्यूँ दिखे मुझे तू सिरहाने मेरे
सोच के तेरी बातें हम मुस्कुराने लगे
दिल से निकल के आहें लफ़्ज़ों पे आने लगी
कैसी तेरी खुमारी है हम गुनगुनाने लगे
चन्ना वे चन्ना वे
कुछ तो है तेरे मेरे दरमियाँ क्यूँ लगे
चन्ना वे चन्ना वे
कुछ तो है तेरे मेरे दरमियाँ क्यूँ लगे
चन्ना वे
ओ हो ओ हो ओ हो ओ हो

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