Alfaazo
अल्फ़ाज़ों की आगोश में, दिल मेरा धड़कता रहा
बारिश जो हुई ख़्वाबों पे, बादल सा भटकता रहा
इन नज़रों से ही तूने जादू है किया
फिर पता क्यूँ ना लगा? ओ, पिया, ओ, पिया
और ख़्वाबों में मेरे थोड़ा इश्क़ भर दिया
फिर पता क्यूँ ना लगा? ओ, पिया
ज़रा सा हँस के देखो ना
ये लफ़्ज़ हैं गुम से कहीं
मेरी यादों में रह ना जा कि वक़्त गुज़रता नहीं
लत तेरी लागे, हा
सानु तडपावे, हा
किथे मै छिपावा, हा
यादां साड़ी सजना
इन नज़रों से ही कैसा जादू है किया
फिर पता क्यूँ ना लगा? ओ, पिया, ओ पिया
और ख़्वाबों में मेरे थोड़ा इश्क़ भर दिया
फिर पता क्यूँ ना लगा? ओ, पिया
ज़रा सा हँस के देखो ना
ये लफ़्ज़ हैं गुम से कहीं
मेरी यादों में रह ना जा कि वक़्त गुज़रता नहीं
हो ओ हो ओ