Gulaab Ke Sheher

Mitraz, Samr8, Dhruv Sthetick

गुलाबो के शहेर मे बस्ता है तू
आँखो मे तेरे है मीठी सी ये खुश्बू
तेरे चेहरे से है रोशन मेरा सारा जहाँ
मेरी रूह मेरी जान आँखें तेरी रोशनी है
हर सुभह शाम तेरा नाम है है वो साहिर हवाओ मे है
धूप और छाओ मे है सब तन्हाई मे तेरा साथ
दिल मे जो ख्हमोशी है वो तूने मिताई
थाम ले तू बस मेरा हाथ

मे तुझे देखु, तू भी देखे मुझे
जानू मे ना मेरा होश कहाँ है
आँखें बंद करू ढूंडू तुझे
ये जाने-जाना मेरा दोष भी ना है
हम्म यादो मे तेरे अक्सर बिखरने लगे
हम्म बातो से तेरी कैसे संभालने लगे और होने लगे घूम
अब होश मुझे आके संभाले ना आँखों मे है तेरी हम्म
मदहोश मुझे रोको ना ज़ालिम ज़माने की बातें ये तुम
हर रोज मुझे होना नशा तेरा आँखो को करे नाम
खामोश मुझे होने को बोलो ना अब क्यूंकी
है वो साहिर हवाओ मे है
धूप और छाओ मे है सब तन्हाई मे तेरा साथ
दिल मे जो ख्हमोशी है वो तूने मिताई
थाम ले तू बस मेरा हाथ

है वो साहिर हवाओ मे है
धूप और छाओ मे है सब तन्हाई मे तेरा साथ

Curiosités sur la chanson Gulaab Ke Sheher de Mitraz

Qui a composé la chanson “Gulaab Ke Sheher” de Mitraz?
La chanson “Gulaab Ke Sheher” de Mitraz a été composée par Mitraz, Samr8, Dhruv Sthetick.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Mitraz

Autres artistes de House music