Savaria

Shekhar Astitwa, Vikram Montrose

हा हा हा
हा हा हा

भीगी सी बारिश की बूंदें
तन मन को हर पल जलाए
बेदर्द याद पिया की
रातों में मुझको जगाए
हाथों में चूड़ियाँ खनके
पाँव में पायल छनके
ख्वाब दिखाए सजन के
छेड़े मन के ये तार
कानो में बालियां चमके
माथे की बिंदिया दमके
सर से चुनरी सरके बार बार
सावरिया ऐसे तूने पुकारा लूट गइयाँ
सावरिया ऐसे तूने पुकारा लूट गइयाँ
सावरिया ऐसे तूने पुकारा लूट गइयाँ

हो ओ ओ हो ओ ओ हो ओ ओ

अंजान सी डोर खींचे मुझे
राहें तेरी ओर मुड़ने लगी
चाहत ने मदहोश यूँ कर दिया
मैं तो हवाओं में उड़ने लगी
हाथों में चूड़ियाँ खनके
पाँव में पायल छनके
ख्वाब दिखाए सजन के
छेड़े मन के ये तार
कानो में बालियां चमके
माथे की बिंदिया दमके
सर से चुनरी सरके बार बार

सवारिया, हाए सवारिया
सावरिया ऐसे तूने पुकारा लूट गइयाँ
सावरिया ऐसे तूने पुकारा लूट गइयाँ

सवारिया सवारिया

Curiosités sur la chanson Savaria de Neeti Mohan

Qui a composé la chanson “Savaria” de Neeti Mohan?
La chanson “Savaria” de Neeti Mohan a été composée par Shekhar Astitwa, Vikram Montrose.

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