Kuch Na Kahe

VEER SANSANWAL

कुछ ना कहे बस चुप रहे
खामोशियाँ ही कह जाए
थम जाए यह जहाँ
और पल भी ठहर जाए

रहे ना कुछ भी दर्मिया
मिटें येह सारी दूरियां
मिलके भी अधूरी सी
यह दास्ताँ
रहे ना कुछ भी दर्मिया
मिटें येह सारी दूरियां
मिलके भी अधूरी सी
यह दास्ताँ

ज़िद्द यह थी तुम्हे
के हम भी कुछ कहे हमे यह गीला था
के तुम चुप रहे

येह मजबूरियां और येह फासले
चाहा नहीं थे फिर भी बढ़ते गए

अब जो येह एहसास है
येह जो अधूरी आस है
रहने दे यूही इन्हे जो ज़ज़्बात है

रहे ना कुछ भी दर्मिया
मिटें येह सारी दूरियां
मिलके भी अधूरी सी
यह दास्ताँ

रहके भी संग है जुड़ा
भूलेगा ना कभी जहाँ
है यह अलग ही दास्तान
सरस्वतिचंद्रा की
रहके भी संग है जुड़ा
भूलेगा ना कभी जहाँ
है यह अलग ही दास्तान
सरस्वतिचंद्रा की.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Pamela Jain

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