Is Tarah Soyi Hain Aankhen [Live]

Pankaj Udhas

इस तरह सोई हैं आँखें
इस तरह सोई हैं आँखें
जागते सपनो के साथ
इस तरह सोई हैं आँखें
जागते सपनो के साथ
खाहिशे लिपटी हो जैसे
बाँध दरवाज़ो के साथ
इस तरह सोई हैं आँखें
जागते सपनो के साथ
खाहिशे लिपटी हो जैसे
बाँध दरवाज़ो के साथ
इस तरह सोई हैं आँखें

रात भर होता रहा हैं
उसके आने का घुमान
रात भर होता रहा हैं
रात भर रात भर
रात भर होता रहा हैं
उसके आने का घुमान
ऐसे टकराती रही
ठंडी हवा पर्दो के साथ
ऐसे टकराती रही
ठंडी हवा पर्दो के साथ
खाहिशे लिपटी हो जैसे
बाँध दरवाज़ो के साथ
इस तरह सोई हैं आँखें

एक लम्हे का ताल्लुक
उमरा भर का रोग हैं
एक लम्हे..एक लम्हे
एक लम्हे का ताल्लुक
उमरा भर का रोग हैं
डोडते फिरते रहोगे
भागते लम्हो के साथ
डोडते फिरते रहोगे
भागते लम्हो के साथ
खाहिशे लिपटी हो जैसे
बाँध दरवाज़ो के साथ
इस तरह सोई हैं आँखें

एक सन्नाटा हैं फिर भी
हर तरफ एक शोर हैं
एक सन्नाटा हैं..एक सन्नाटा
एक सन्नाटा हैं फिर भी
हर तरफ एक शोर हैं
एक सन्नाटा हैं फिर भी
हर तरफ एक शोर हैं
कितने चहते आँख में
फैले हैं आवाज़ो के साथ
कितने चहते आँख में
फैले हैं आवाज़ो के साथ
खाहिशे लिपटी हो जैसे
बाँध दरवाज़ो के साथ
इस तरह सोई हैं आँखें
जागते सपनो के साथ
इस तरह सोई हैं आँखें

Curiosités sur la chanson Is Tarah Soyi Hain Aankhen [Live] de Pankaj Udhas

Quand la chanson “Is Tarah Soyi Hain Aankhen [Live]” a-t-elle été lancée par Pankaj Udhas?
La chanson Is Tarah Soyi Hain Aankhen [Live] a été lancée en 2008, sur l’album “A Live Concert”.

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