Loriyan [Hustle 2.0]
भीड़ में मैं खो चुका हूँ हो गया मैं लापता
खुद से खुद का आरसन से हुआ नही है राबता
लॅड झगड़ रहा हूँ इश्स जहाँ से क्यूँ मैं खमखा
हैं ना पता आयेज जाने का मुझे भी रास्ता
ना रोने को कोना मिले तब भी मुस्कुराना पड़ता है
है शिकवे काफ़ी शिकायतें किसी से अब ना करता मैं
लगे ना दिल फिर भी दिल लगाना पड़ता है
मनाए ना कोई मैं रूठून तो किसी से अब ना लड़ता मैं
दायरे लगा दो फिरसे तुम कोई
सोना चाहता हूँ तो तुम भी धुन कोई
धुन कोई सुना दो
धुन कोई सुना दो
लोरियाँ सुना दो
हन घर मुझे बुला लो
धुन कोई धुन कोई सुना दो
मा धुन कोई सुना दो
लोरियाँ सुना दो
हन घर मुझे बुला लो
हर शाम सिरहाने को सहलाती सर
वो दाँत थी या फिर थी मेरी फिकर
वो रोक-टोक, थोड़ी नोक-झोंक
हर बात पे पापा की दाँत का दार
तू देती थी 10 का नोट
तो लगता था मुझे हूँ सबसे अमीर मैं
और आज उठा पाता तेरा नही फोन
तो लगता हूँ सबसे ग़रीब मैं
ग़लती पे कान तू खींचती
कभी तू दाँत थी पीसती
ज़िंदगी जीने की सीख दी
ख्वाशें मेरी खरीद दी
अब हाथों में घड़ी हैं महँगी
पर देने को तुझे है वक़्त नही
ज़िम्मेदार तूने इतना बनाया की
निभा पाया तेरा फ़र्ज़ नही
हो गया हूँ शोर में मैं गुम्म कहीं
सोना चाहता हूँ तो तुम भी धुन कोई
धुन कोई सुना दो
धुन कोई सुना दो
लोरियाँ सुना दो
हन घर मुझे बुला लो
धुन कोई धुन कोई सुना दो
मा धुन कोई सुना दो
लोरियाँ सुना दो
हन घर मुझे बुला लो
मा, किसकी गोदी में सो जौंगा मैं
मा, शिकायतें किस से लगौँगा मैं
मा, किसकी दाँत से रो जौंगा मैं
मा, क्या भूखे पेट ही सो जौंगा मैं
मा, तू किसको लोरियाँ सुनाती होगी
मा, रोटी एक और किसे खिलाती होगी
मा, तू गुस्से में किसपे चिल्लाटी होगी
मा, तू बेटा अब किसे बुलाती होगी
आवाज़ तेरी ना मैं पा रहा हूँ सुन कोई
सोना चाहता हूँ तो तुम भी धुन कोई
धुन कोई सुना दो
मा धुन कोई सुना दो
लोरियाँ सुना दो
हन घर मुझे बुला लो
धुन कोई धुन कोई सुना दो
मा धुन कोई सुना दो
लोरियाँ सुना दो
हन घर मुझे बुला लो