Kuch Din

Prateek Kuhad

ऐसी एक याद थी
पास में बैठ के
तुमने सिखाया कैसे मोहब्बत करूँ
चादर में यूंही
हाथ को थाम के
तुमने बताया आँखों में कैसे रहूँ
कुछ दिन ही बचे हैं
जब तक दिल भरे हैं
बाहों में रहो तुम
धड़कन मेरी धुन है
तन पे जो सियाही
दिल में यूं मिला दी
बाहों में रहो तुम
धड़कन मेरी धुन है

जुल्फों की ऊँध में
ऐसा जोड़ है
कैसे मैं बताऊँ
क्या राज हो तुम
शबनम है जैसी
सांसों में नमी
बह जाऊं मैं
हो ऐसी आवाज़ तुम
कुछ दिन ही बचे हैं
जब तक दिल भरे हैं
बाहों में रहो तुम
धड़कन मेरी धुन है
तन पे जो सियाही
दिल में यूं मिला दी
बाहों में रहो तुम
धड़कन मेरी धुन है

क्यों हैं फासले
क्या नजर में इकरार काफी नहीं
ऐसी एक याद थी
पास में बैठ के
तुमने सिखाया कैसे मोहब्बत करूँ
कुछ दिन ही बचे हैं
जब तक दिल भरे हैं
बाहों में रहो तुम
धड़कन मेरी धुन है
तन पे जो सियाही
दिल में यूं मिला दी
बाहों में रहो तुम
धड़कन मेरी धुन है

Curiosités sur la chanson Kuch Din de Prateek Kuhad

Quand la chanson “Kuch Din” a-t-elle été lancée par Prateek Kuhad?
La chanson Kuch Din a été lancée en 2023, sur l’album “Mulaqat”.

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