Dono Jahan Teri Mohabbat Mein
Faiz Ahmad Faiz
दोनो जहा तेरी मोहब्बत में हर के
दोनो जहा तेरी मोहब्बत में हर के
रोता जा रहा है कोई सादे गुम गुजर के
रोता जा रहा है कोई सादे गुम गुजर के
विरह मयकडा खुमार सावन उदास है
विरह मयकडा खुमार सावन उदास है
तुम क्या गये के रुत गये दिन बाहर के
तुम क्या गये के रुत गये दिन बाहर के
एक फुर्सते निगाह मिली वो भी चार दिन
आ आ
देखे है हमने खक्ले परवदीगर के
देखे है हमने खक्ले परवदीगर के