Chand Sitare
Manisha Singh Mullick
मुझे आते जाते जो दिखता है
वो चाँद सा चेहरा किसका है
और कहीं मैं क्या देखु
तेरी आँखो मे रब दिखता है
नदी झील या पर्वत है
या कोई ख़ज़ाना ख्वाबों का
चंदन सा जो महक रहा है
इत्र है तेरी सांसो का
तेरी चुनरी सर्की सर से जो
दिल मेरा धड़के ज़ोरो से
मैं चाँद सितारे क्या देखु
मुझे इश्क़ हुआ तेरी अँखियों से
मुझे इश्क़ हुआ तेरी अँखियों से
हो हो हो
इक धुन सी बजती रहती है
मैं शाम सवेरे सुनता हूँ
रंग बिरंगे फूलों को
मैं बैठ के चुनता रहता हूँ
बिखरा डून तेरी राहों मे
इस इंतज़ार मे रहता हूँ
मैं चाँद सितारे क्या देखु
मुझे इश्क़ हुआ तेरी अँखियों से
मैं चाँद सितारे क्या देखु
मुझे इश्क़ हुआ तेरी अँखियों से
मुझे इश्क़ हुआ तेरी अँखियों से