Kanha Aan Padi Main Tere

Naresh Singh

अम्म मम म्म म्म

कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार
मोहे चाकर समझ निहार
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार

तू जिसे चाहे ऐसी नही मैं
हा तेरी राधा जैसी नही मैं
फिर भी हू कैसी कैसी नही मैं
कृष्णा मोहे देख तो ले एक बार
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार

बूँद ही बूँद मैं प्यार की चुनकर
प्यासी रही पर लाई हू गिरधर
टूट ही जाए आस की गागर मोहना
ऐसी काकनिया नही मार
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार

माटी का रोया स्वर्ण बना लो
tan को मेरे चर्नो से लगा लो
मुरली समझ हाथो मे उठा लो
सोचोना कछु अब है कृष्ण मुरार
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मे तेरे द्वार
मोहे चाकर समझ निहार
चाकर समझ निहार, चाकर समझ निहार
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार
तेरे द्वार ,
कान्हा, कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार

Curiosités sur la chanson Kanha Aan Padi Main Tere de Sadhana Sargam

Qui a composé la chanson “Kanha Aan Padi Main Tere” de Sadhana Sargam?
La chanson “Kanha Aan Padi Main Tere” de Sadhana Sargam a été composée par Naresh Singh.

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