Keh Do

Shradha Pandit

दिल मैं जो छुपा है
आँखों से बयान कर दो
हां आज सारी बातें
खुल के ज़रा कह दो
इश्क़ ने ऐसे थमा है जैसे
खामोशियों को मिली ज़ुबान
हां दिल मैं जो छुपा है
आँखों से बयान कर दो

हां मैने तो कब से
अपना बनाया है तुम्हें
पलकों के साए
दिल मैं बसाया तुम्हें

हां दिल मैं जो छुपा है
आँखों से बयान कर दो
हां आज सारी बातें
खुल के ज़रा कह दो

तेरी तस्सल्ली के लिए
वादे वफ़ा के हमने किए
लेकिन खुदा ये देगा गवाही
के बिन तेरे इक पल ना जिए

मैने भी रब से माँगा
दुआओं में तुम्हें, तुम्हें
हां आशिक़ी में
जीना सिखाया है हमें हां

दिल मैं जो छुपा है
आँखों से बयान कर दो
हां आज सारी बातें
खुल के ज़रा कह दो

इश्क़ ने ऐसे थमा है जैसे
खामोशियों को मिली ज़ुबान

हां दिल मैं जो छुपा है
आँखों से बयान कर दो
हां आज सारी बातें
खुल के ज़रा कह दो

Curiosités sur la chanson Keh Do de Salim Sulaiman

Qui a composé la chanson “Keh Do” de Salim Sulaiman?
La chanson “Keh Do” de Salim Sulaiman a été composée par Shradha Pandit.

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