Aaya Tha Jis Pe Dil
आया था जिस पे दिल मेरा
दिलबर ना होसका
आया था जिस पे दिल मेरा
दिलबर ना होसका
रहता था जिस में
मैं और मेरा घर ना होसका
आया था जिस पे दिल मेरा
दिलबर ना होसका
दुख की किसी पे आँच पड़ी
मैं पीगाल गया
दुख की किसी पे आँच पड़ी
मैं पीगाल गया
मैं पीगाल गया
दिल मेरा मोअँ ही रहा
पत्थर ना हो सका
रहता था जिस में
मैं और मेरा घर ना होसका
आया था जिस पे दिल मेरा
दिलबर ना होसका
बाहर ना आ सका जो कभी
अपने नीज़ात से
बाहर ना आ सका जो कभी
अपने नीज़ात से
अपने नीज़ात से
तालाब हो कभी भी
समंदर ना हो सका
रहता था जिस में
मैं और मेरा घर ना होसका
आया था जिस पे दिल मेरा
दिलबर ना होसका
कहने को हुंसफर था
हर कदम कदम मेरा
कहने को हुंसफर था
हर कदम कदम मेरा
हर कदम कदम मेरा
वो जिसका प्यार मेरा
मुक़द्दर ना हो सका
रहता था जिस में
मैं और मेरा घर ना होसका
आया था जिस पे दिल मेरा
दिलबर ना होसका
रहता था जिस में
मैं और मेरा घर ना होसका
आया था जिस पे दिल मेरा
दिलबर ना होसका