Kahani Suno 3.0
SavAge
नहीं अपना कोई है वाकिफ फ़िज़ाए
तेरे संग में कहे सारी उम्र बिताए
तुम मुझसे कभी ना फेरो निगाहें
डर लगता कहीं तेरे बिन मर ना जाए
है खुदा से दुआ तुझे खुद में छुपा ले
है खुदा से दुआ तुझे अपना बना ले
मेरी चाहत यही इस जहाँ में कहीं
तू जो संग हो मेरे आशियाना वहीँ
ज़रा सुन तो सही हमें कहना यहीं
तुम मिला न तो मैंने जीना नहीं
कहानी सुनो जुबानी सुनो
हमें प्यार हुआ था इक़रार हुआ था
कहानी सुनो जुबानी सुनो
हमें प्यार हुआ था इक़रार हुआ था