Kabhi Kabhi Aditi [Refix]

Abbas Tyrewala

कभी कभी अदिती ज़िन्दगी में यूँ ही कोई अपना लगता है
कभी कभी अदिती वो बिछड़ जाये तो एक सपना लगता है
ऐसे में कोई कैसे अपने आंसुओं को बेहेने से रोके
और कैसे कोई सोचले everything gonna be ok
कभी कभी तो लगे ज़िन्दगी में रही ना ख़ुशी और ना मज़ा
कभी कभी तो लगे हर दिन मुश्किल और हर पल एक सजा
ऐसे में कोई कैसे मुस्कुराए कैसे हस दे खुश होके
और कैसे कोई सोचले everything gonna be ok

सोच ज़रा जाने जा तुझको हमे कितना चाहते हैं
रोते हम भी अगर तेरे आँखों में आंसूं आते हैं
गाना तो आता नहीं है मगर फिर भी हम गाते हैं
हे अदिती मान कभी कभी सारे जहाँ में अँधेरा होता है
लेकिन रात के बाद ही तो सवेरा होता है
कभी कभी अदिती ज़िन्दगी में यूँ ही कोई अपना लगता है
कभी कभी अदिती वो बिछड़ जाये तो एक सपना लगता है
हे अदिती हस दे हस दे हस दे हस दे हस दे हस दे तू ज़रा
नहीं तो बस थोडा थोडा थोडा थोडा थोडा थोडा मुस्कुरा
हे अदिती हस दे हस दे हस दे हस दे हस दे हस दे तू ज़रा
नहीं तो बस थोडा थोडा थोडा थोडा थोडा थोडा मुस्कुरा

Curiosités sur la chanson Kabhi Kabhi Aditi [Refix] de Sha

Qui a composé la chanson “Kabhi Kabhi Aditi [Refix]” de Sha?
La chanson “Kabhi Kabhi Aditi [Refix]” de Sha a été composée par Abbas Tyrewala.

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