Kehkasha Tu Meri
VISHAL DADLANI, SHEKHAR RAVJIANI, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA
आगे आगे रास्ते नए
नए मोड़ सारे
ना तू कभी घबरा रे
चले जा अकेले तू अपने ही दम पे
तेरा हमसफ़र होंसला रे
तुझे क्या फिकर जो सियाही
भरी है जहां में
चरागों के आगे खुशामत करे
क्यों भला तेरी शामें
हैं तेरी दोनों आँखें
रौशनी से भरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा कहकशा तू मेरी
रौशनी से भरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा कहकशा तू मेरी
ओ कुदरत सारी
सारी
तेरे सहारे
तू ही उगाये
चाँद सितारे में
ओ जलता है सूरज
तेरे तपीश में
तू ही ना जाने
तेरे करिश्में
जो लाखों आसमान हैं
थामें तू वो ज़मीं
रौशनी से भरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा कहकशा तू मेरी
रौशनी से भरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा कहकशा तू मेरी
रौशनी से भरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा कहकशा तू मेरी
रौशनी से भरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा तू मेरी
कहकशा कहकशा तू मेरी