Baatein Hawa Hain
बातें हवा है सारी सारी की सारी
क्यों है क्यों है क्यो है क्यो है क्यों
बातें हवा है सारी सारी की सारी
क्यों है क्यों है क्यो है क्यों है क्यों
रुखी सी खाली खाली
उलटी ही दुनिया सारी
क्यों है क्यों है
क्यो है क्यों
कहना जो चाहे क्यों कह ना पाए
आँखे जो बोलें तेरी होंठों से क्यों ना बोले
बातें हवा है सारी सारी की सारी
क्यों है क्यों है
क्यो है क्यों है क्यों
रुखी सी खाली खाली
उलटी ही दुनिया सारी
क्यों है क्यों है
क्यो है क्यों
देखो ना देखो ना लगता अजूबा है
ये खुद ही जाने क्या
इसका मंसूवा है
देखो ना देखो ना लगता अजूबा है
ये खुद ही जाने
क्या इसका मंसूवा है
छ फूट की दीवार पे
क्यों बिल की जिड़की नहीं
ये दिल की बातों को भी जाने दो कहीं नहीं
पल्ले पड़ा है क्यों मेरे ही तौबा
अपनी ही कहता है अपनी ही सुनता है देखो ना
बातें हवा है सारी सारी की सारी
क्यों है क्यों है
क्यों है क्यों है क्यों
रुख़ी सी खाली खाली
उल्टी ही दुनिया सारी
क्यों है क्यों है
क्यों है क्यों
सीधे रस्ते कभी ये ना चलने वाला
रब ने इसे ठेढ़े सांचे में है ठाला
सीधे सस्ते कभी ये ना चलने वाला
रब ने इसे ठेढ़े सांचे में है ठाला
बंदे को जू में रखे खुल्ला ना इसे छोड़ो
खुल्ला जो छोड़ा ते रातों में जाने क्या हो
रहता है जाने कौन से जहां में
देखा ना जाना ना मैने तो ऐसा यहाँ कोई
बातें हवा है सारी सारी की सारी
क्यों है क्यों है
क्यो है क्यों है क्यों
रुखी सी खाली खाली
उलटी ही दुनिया सारी
क्यों है क्यों है
क्यो है क्यों
कहना जो चाहे क्यों कह ना पाए
आँखे जो बोलें तेरी होंठों से क्यों ना बोले
बातें हवा है सारी सारी की सारी
क्यों है क्यों है
क्यो है क्यों है क्यों
रुखी सी खाली खाली
उल्टी ही दुनिया सारी
क्यों है क्यों है
क्यो है क्यों