Tu Hai Bhatakta Jugnu Koi
तू है भटकता जुगनू कोई
मई तो अंधेरे की हू पारी
हो तू है आवारा तूफान कोई
मई उड़ता हुवा तिनका सही
आज अपना मिलन हो गया
किस ख्वाब ने चुप छाप से
मेरा बदन छू लिया
किस ख्वाब ने चुप छाप से
मेरा बदन छू लिया
तू है भटकता जुगनू कोई
मई तो अंधेरे की हू पारी
बाहों में लेके मुझको सीखा दे
संग में तेरे नाच लू
सब दर्र मेरे आज भुला दे
इंद्रा धनुष छू लू
जैसे कोई मोर है नाचे
पहली बहारो में
मई एक पांच्ची सहमा
सहमा पहली उड़ान भरे
तूने मुझे उड़ना सिखला दिया
कैसा हसीन यह जादू किया
किस ख्वाब ने चुप छाप से
मेरा बदन छू लिया
किस ख्वाब ने चुप छाप से
मेरा बदन छू लिया
ह्म तू है भटकता जुगनू कोई
मई तो अंधेरे की हू परी
हो तू है आवारा तूफान कोई
मई उड़ता हुवा तिनका सही
आज अपना मिलन हो गया
किस ख्वाब ने चुप छाप से
मेरा बदन छू लिया
किस ख्वाब ने चुप छाप से
मेरा बदन छू लिया
तू है भटकता जुगनू कोई
मई तो अंधेरे की हू परी