Tum Saath Ho

Shabbir Ahmed

तुम साथ हो क्या बात है
कितनी हसी चाहत की ये शुरुवात है
कैसे कहू क्यूँ आजकल
बेहके हुए दिल के मेरे जज़बात है

जमाना ये रोके, ना अब खुद़ा खुद़ा खुद़ा
कभी मिलके होंगे, ना हम जुदा जुदा जुदा
तुझसे मेरा हा आ आ, वादा रहा हा आआ

पेहले कभी धड़का ना था
तुमसे मिला तो दिल गया
रातें खिली सुबह हसीन
साथ तेरा जो मिल गया

सच में कहू तेरे सिवा
मेरी कोई मंजिल नहीं
मुझको यकीन ए हमसफर
कोई सफ़र मुश्किल नहीं

खुद को सनम रोका मगर
बस में नहीं मन के मेरे हालात है
कैसे कहू क्यूँ आजकल
बेहके हुए दिल के मेरे जज़बात है

तेरे कदम जैसे चले
पीछे तेरे में चल पडू
जिस राह पे चलते हुए
तू जो मुड़े में भी मुदु

आँखों ने जो देखे थे वोह
ख्वाबो की तुम ताबीर हो
हाथो में है लिखी मेरे
तुम वो हसीन तकदीर हो

वादा किया खाई कसम
छूटेगा ना हाथो में जो ये हाथ है
कैसे कहुँ क्यूँ आजकल
बेहके हुए दिल के मेरे जज़बात है

जमाना येह रोके, ना अब खुद़ा खुद़ा खुद़ा
कभी मिलके होंगे, ना हम जुदा जुदा जुदा
तुझसे मेरा हा आ आ, वादा रहा हा आआ

Curiosités sur la chanson Tum Saath Ho de Shreya Ghoshal

Qui a composé la chanson “Tum Saath Ho” de Shreya Ghoshal?
La chanson “Tum Saath Ho” de Shreya Ghoshal a été composée par Shabbir Ahmed.

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