Khushnaseebi
Siddharth Basrur, Manish Bhatt, Jai Vaswani
ए ए ए ए ए ए ए ए (ए ए ए ए)
लंबी सी थी ज़िंदगानी
बोरिंग सी मेरी कहानी
कहाँ से तू आई
गुनगुनाए चाहचाहाए
खिलखिलाए खुल के गये
अंधेरो में रोशनी
गुनगुनी सी चाँदनी
अंधेरो में रोशनी
गुनगुनी सी चाँदनी की नदी
ये मेरी ख़ुशनसीबी
ख़ुशनसीबी
तेरी ही ये मेहेरबानी
मिल गये जीने के मानी
गर्दिशों में जो सितारे
घूमते थे मारे मारे
अब ठिकाने पे हैं सारे
हो गयी फिर रोशनी
काट लेंगे ज़िंदगी
हो गयी फिर रोशनी
काट लेंगे ज़िंदगी
तू मेरी है मेरी ख़ुशनसीबी
ख़ुशनसीबी
हां ओ ओ हां ओ ओ (आ ओ ओ)