Mohabbat Hai
दिल की बातों को
दिल सुन लेगा
तुम ये कहो ना कहो
हो प्यार छुपा ना तो
इन आँखों को खामोश रखो
छुपेगी ना ये चाहत है
जो मांगी थी वो मन्नत है
इससे देखो ये जन्नत है
मेरी मानो मोहब्बत है
तुम्हे मुझसे मोहब्बत है
मोहब्बत है
दिल की बातों को
दिल सुन लेगा
तुम ये कहो ना कहो
तेरा जूनून मेरी वफ़ा
एक पल कम ना हो
तेरे बिना जीना पड़े
वो मौसम ना हो
वादा है ये इस जहां में
जब जब आयेंगे
जितनी मिले ज़िंदगियाँ
तुमको चाहेंगे
छुपी तुझमे ही राहत है
नहीं तुझपे तेरा हक़ है
तू बस मेरी अमानत है
मेरी मानो मोहब्बत है
तुम्हे मुझसे मोहब्बत है
मोहब्बत है दिल की बातों को
दिल सुन लेगा तुम ये कहो ना कहो