Saibabab Ke 11 Vachan

Traditional

जो शिरडी में आएगा
आपद दूर भगाएगा
चढ़े समाधि की सीढ़ी पर
पैर तले दुख की पीढा पर
त्याग शरीर चला जाऊंगा
भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा
मन में रखना दृढ़ विश्वास
करे समाधि पूरी आस
मुझे सदा जीवित ही जानो
अनुभव करो सत्य पहचानो
मेरी शरण आ खाली जाए
हो तो कोई मुझे बताए
जैसा भाव रहा जिस जन का
वैसा रूप हुआ मेरे मन का
भार तुम्हारा मुझ पर होगा
वचन न मेरा झूठा होगा
आ सहायता लो भरपूर
जो मांगा वो हे नहीं है दूर
मुझमें लीन वचन मन काया
उसका ऋण न कभी चुकाया
धन्य धन्य वह भक्त अनन्य
मेरी शरण तज जिसे न अन्य
धन्य धन्य वह भक्त अनन्य
मेरी शरण तज जिसे न अन्य
जो शिरडी में आएगा
आपद दूर भगाएगा
आपद दूर भगाएगा
आपद दूर भगाएगा
सच्चिदानंद श्री साई नाथा महाराज की

जय

Curiosités sur la chanson Saibabab Ke 11 Vachan de Sudesh Bhosle

Qui a composé la chanson “Saibabab Ke 11 Vachan” de Sudesh Bhosle?
La chanson “Saibabab Ke 11 Vachan” de Sudesh Bhosle a été composée par Traditional.

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