Aa Kahin Dur Chale

JAVED AKHTAR, NAGRATH RAJESH ROSHAN

आ कही दूर चले जाए हम
आ कही दूर चले जाए हम
दूर इतना की हमें च्छू ना सके कोई घाम

आ कही दूर चले जाए हम
आ कही दूर चले जाए हम
दूर इतना की हमें च्छू ना सके कोई घाम
आ कही दूर चले जाए हम

फूलों और कलियों से
महके हुए इक जुंगल में
एक हसीन झील के साहिल
पे हमारा घर हो
ऊस में भीगी हुई घास
पे हम चलते हो
रंग और नूवर में डूबा
हुआ हर मंज़र हो
मैं तुझे प्यार करू मेरे सनम
तू मुझे प्यार करे मेरे सनम

आ कही दूर चले जाए हम
दूर इतना की हमें च्छू ना सके कोई घाम
आ कही दूर चले जाए हम

शाम का रंग हो गहरा तो सितारे जागे
रात जो आए तो रेशम से अंधेरे लाए

चाँद जब झील के
पानी में नहाने उतरे
मेरी बाहों में तुझे
देख के शर्मा जाए

मैं तुझे प्यार करू मेरे सनम
तू मुझे प्यार करे मेरे सनम

आ कही दूर चले जाए हम
दूर इतना की हमें च्छू ना सके कोई घाम
आ कही दूर चले जाए हम.

Curiosités sur la chanson Aa Kahin Dur Chale de Udit Narayan

Quand la chanson “Aa Kahin Dur Chale” a-t-elle été lancée par Udit Narayan?
La chanson Aa Kahin Dur Chale a été lancée en 2016, sur l’album “My Best Collection - Udit Narayan”.
Qui a composé la chanson “Aa Kahin Dur Chale” de Udit Narayan?
La chanson “Aa Kahin Dur Chale” de Udit Narayan a été composée par JAVED AKHTAR, NAGRATH RAJESH ROSHAN.

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