Grahan

CLINTON CEREJO, AMITABH BHATTACHARYA

(?)
(?)

ख़ुशी के जलते सूरज को
सुकून के उझले गुम्बज को
बुरी नज़रों का निगल गया ग्रहण
असर था उसकी साज़िश में
जो शैय्यारो की गर्दिश में
ज़हर की तरह ठहर गया ग्रहण

ख़ुशी के जलते सूरज को
सुकून के उझले गुम्बज को
बुरी नज़रों का निगल गया ग्रहण
वह आफत ही कुछ ऐसी थी
की फितरत दीमक जैसी थी
जो तिल तिल करके उतर गया ग्रहण
नज़रों की आगे ध्वन्ध है
सब दरवाज़े बंद है
झूठा लगे हर दिलासा
हाफ रही आवाज़ है
परदे के पीछे राज़ है
होता नहीं क्यों खुलासा

मुस्कराहट सहमी है
ग़म की गहमा गहमी है
दुआएं सारी निकली केबेवफा
रात कटती करवट में
आँसू छुपाके सिलवट में
सुबह की किरणे भी लगती है खफा
क़यामत भर के दामन में
किसी के घर के आँगन में
केहेर की तरह उतर गया ग्रहण
नज़रों की आगे ध्वन्ध है
सब दरवाज़े बंद है
झूठा लगे हर दिलासा
ख्वाब नही आवाज़ है
परदे के पीछे राज़ है
होता नहीं क्यों खुलासा

Curiosités sur la chanson Grahan de Vishal Dadlani

Qui a composé la chanson “Grahan” de Vishal Dadlani?
La chanson “Grahan” de Vishal Dadlani a été composée par CLINTON CEREJO, AMITABH BHATTACHARYA.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Vishal Dadlani

Autres artistes de Film score