Jaago Jaago Bakre
पत्तियाँ खतीं हैं किरणें
पट्टियों को ख़ाता है बकरा
बकरे को शेर दबोचे
भूख से कोई ना बचे
मौत का शेर पे क़ाबू
समय का मौत पे क़ाबू
काली समय को रचे
महा भूख फिर मचे
भागे शिकार जिधर
पीशे दओदे शिकारी उधर
जीटा शिकार जी लेगा एक दिन
हरा शिकारी तो जीना नामुमकिन
एक जान की भूक मिटाने को
एक जान की मौत होना ज़रूरी है
हे जागो जागो बकरे
शेर आया तो करड़ेगा टुकड़े
चेरा है मशली का चारा
दाना है मुर्गी का चारा
हादी है कुत्तों का चारा
जीवन है ये इंसानों का चारा
काली की पूजा जो करे
जानवर जो बलि चढ़े
लहू से खंजर शीध करे
देवी करे भी तो क्या करे
यही है दुनिया क्या करे
रहना तू होशियार नही तो
खाएगा चारा तुझ को
जीना है तो भूख बढ़ा के
खा ले तू खुद चारे कोहा
भूख ना देखे भला बुरा
नीति ना धरम
होगा उसका राज यहाँ पे
जिस में है रे दम
हे जागो जागो बकरे
शेर आया तो कर देगा टुकड़े
माँगे से मिला है किसको
माँगो तो कहेगा खिस्क
उठा उठाके पतको
जो चाहे वो मिलेगा तुझको
लत जो कम करे
भाई भी ना कर पाएगा
मुका जो पाठ पढ़ाए
बुध तकता रह जाए रे