Vande Mataram [Fighter]
BANKIM CHANDRA CHATTERJEE, HEMANT KUMAR
नाम नहीं एक जश्न है भारत
रग रग में है जीत की आदत
ऐसा हुनर दुश्मन भी सलामी दे
तू सूरज हम तेरे उजले
तुझसे जुदा नहीं होने वाले
आख़िर सब हम सफ़र पे होंगे के
जय हिन्द जो नस नस में
हर बज़ी फ़िर बस में है
ज़िद थान के हिंदुस्तान बोले
सुजलाम सुफलम मलयजा शीतलम
शस्य श्यामलम वन्दे मातरम
सुजलाम सुफलम मलयजा शीतलम
शस्य श्यामलम वन्दे मातरम
नहिं जमीं न एम्समानो मुझे
ना ही मुमकिन है दो जहानो मुझे
जज़्बे इरादे और ये जुनू
बनते हैं दिलके करवानो मुझे
पहुच गे अंबर से आगे
धरती से फिर भी बंधे हैं धागे
रहते वतन की मिट्टी से जुडके
जय हिंद जो नस नस में है
हर बज़ी फ़िर बस में है
ज़िद थान के हिंदुस्तान बोले
सुजलाम् सुफलम् मलयजा शीतलम
शस्य श्यामलम् वन्दे मातरम
सुजलाम् सुफलम् मलयजा शीतलम
शस्य श्यामलम् वन्दे मातरम