Beparwah
ओ बेकदर बेपरवाह
क्यू समझ न पाये प्यार
मेरी क्या खता जिसकी सजा
देते रहे हमे हर बार
तुम मुझे याद करोगे
जब न न रहेंगे तेरे पास
मिलने की कोशिश करोगे तब
हम न रहेंगे तेरे साथ
ओ बेकदर बेपरवाह
क्यू समझ न पाये प्यार
ऐसे तुम खुदकर्ज़ हो
ये जान के हैरान है
तेरे से डर लग रहा
बिना तेरे भी परेशान है
क्या करे हमको भी तेरी
ऐसी आदत हो गयी
चाहे न चाहे आंखे
तेरी खातिर रो रही है
सोच के कल न रहे हम
जाने क्या होगा तेरा हाल
तुम कभी गमजार हो तो
कौन रखेगा खयाल
ओ बेकदर बेपरवाह
क्यू समझ न पाये प्यार
हाल है हर हाल मैं
है चाहते तेरी खुशी
हम रहे या न रहे
लब पे रहे तेरे हसी
क्या फरक पड़ता है जब हम
खुद से ही नाराज़ है
चाह के भी कह सके न
दबे हुये इकसाज है
इश्क है या है जहर
चले न हमे ये पता
तुम मेरे दिल मे बसे हो
हम है कहा ये बता
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ