Skit
Young Galib
हननहाा
ललाला-एयेए
आँखें खुली सपने टूटे बोहट से
डरता है दिल किस को कहने के तुम अपने
दुनिया खिलाफ थी, मा तब भी साथ थी
कहती थी आएगी मुश्किल तू खड़ा दंतके
कितना किया हुँने औरो की खातिर
खुद का कभी सोचा नही हुँने
गुज़रे जो दिन, जब भी आते है याद
आँखें भरजाति और कहता है बस मॅन ये
याद आते लम्हे
बीते लम्म-, लम्हे
बीते लम्म-, लम्हे