Bhule Se Na Bhulenge
भूले से ना भूलेंगे
कभी गुज़रे ज़माने
भूले से ना भूलेंगे
कभी गुज़रे ज़माने
वो रेशमी लम्हें
वो मोहब्बत के फसाने
भूले से ना भूलेंगे
कभी गुज़रे ज़माने
भूले से ना भूलेंगे
कभी गुज़रे ज़माने
पेड़ों की घनी च्चाँव थी
बारिश का महीना
टकराई तभी मुझसे हुई
शोख हसीना
चंदन से बदन वाली
वो सबनम सी नज़ाकते
पहली ही नज़र में हुई
आपस में मोहब्बते
खुसबू से भारी वादी
बहारे ही बहारे
मदहोश बनती थी
वो फूलो की कतारे
आफ़त था घमे हिज़रा
मूषिबट थी जुदाई
तूफ़ा से जो आए तो मिली
मुझे को खुदाई
लाई थी वो साथ
अपने कहीं और ख़ज़ाने
भूले से ना भूलेंगे
कभी गुज़रे ज़माने
ना चीज़ पे मेरा हक़ था
ना अरमान पे काबू
मुझ पर था कुछ ऐसा
मेरे महबूब का जादू
दामन में जैसे मेरे
बस चाँद सितारे
दिन खूब घुजरते थे
मोहब्बत के सहारे
सांसो में मेरी आधी हैं
वो रंग वो गर्मी
अभी हैं मेरे हाथ में
यूयेसेस हाथ की नर्मी
दो जिस्म थे एक जान थी
ऐसा भी सम्मा था
इश्स तरह जुड़ा हुए ना
ये वहॉ घुमा था
वो कसमे वो वेड
वो अड्दाए वो बहाने
भूले से ना भूलेंगे
कभी गुज़रे ज़माने
मालूम ना था देगा
डॉवा मेरा मुक़द्दर
वो डोर चली जाएगी
मुझसे बिच्छाद कर
मजबूर हूँ बेबस हूँ
मैं कुछ नही कर सकता
खाई थी कसम उसकी
मैं मार भी नही सकता
हालत ये कहते हैं के
वो मेरी नही हैं
पर भूल ना पाएगी
मुझको ये यकीन हैं
रांझिश नही हैं अब
ये भी वो मुझसे जुड़ा हैं
वो खुश हो सलामत हो
ये ही मेरी दुआ हैं
कहता हैं मेरा दिल के
कभी प्यार ना करना
हो जाए अगर प्यार तो
इज़हार ना करना
यार दोस्ती चली जाती हैं
तन्हाई सजाहये
भूले से ना भूलेंगे
कभी गुज़रे ज़माने
वो रेशमी लम्हें
वो मोहब्बत के फसाने
भूले से ना भूलेंगे
कभी गुज़रे ज़माने
कभी गुज़रे ज़माने
कभी गुज़रे ज़माने.