Mohlat

Manan Bhardwaj

दिल की सतह पे लिखा हर हर्फ़ है तेरा
दिल की सतह पे लिखा हर हर्फ़ है तेरा
जो है बाकी तुझमें मुझमें हर फ़र्क है तेरा

मुझको तू संवार दे (मुझको तू संवार दे)
थोड़ी ख़ुश्बू तो उधार दे (थोड़ी ख़ुश्बू तो उधार दे)
मुझको तू संवार दे (मुझको तू संवार दे)
थोड़ी ख़ुश्बू तो उधार दे (थोड़ी ख़ुश्बू तो उधार दे)

कितनी नफ़रत मैं सह चुका हूँ अब तो थोड़ा प्यार दे
ओ हमनवाँ हाँ ओ हमनवाँ हाँ
आ मुझको सँवार दे

थोड़ी सी मौहलत ग़र मुझे दे दे अब ख़ुदा
कर दूँ बयाँ वो जो अब तक ना मैंने कहा
कैसे मैं रोकूँ इन साँसों को तू बता
ऐसा क्यूँ करता है तू मेरे ऐ खुदा
बस मैंने चाहीं थीं खुशियाँ मेरे हक़ की
मैंने कहाँ तुझसे माँगा था सारा जहाँ
ख़ुद को मैंने तेरा कर दिया है
तू भी मुझे अपना

ओ हमनवाँ हाँ ओ हमनवाँ हाँ (ओ हमनवाँ हाँ ओ हमनवाँ हाँ)

आ बातें ना कर बातों में क्या है रखा
आँखों से चलने दे नज़रों का ये नशा
सुर्ख़ कहीं से आई है ये हवा
ऐसे ना इस मौसम इस पल को तू गवा
बाद तेरे जाने के बातें बनायेंगे
लोग कहेंगे एक और आशिक़ चल बसा
कितने आँसूं मैं पी चुका हूँ
अब तो थोड़े गिराने दे

ओ हमनवाँ हाँ ओ हमनवाँ हाँ (ओ हमनवाँ हाँ ओ हमनवाँ हाँ)

आ मुझको सँवार दे

दिल की सतह पे लिखा हर हर्फ़ है तेरा
दिल की सतह पे लिखा हर हर्फ़ है तेरा (तेरा)

Curiosités sur la chanson Mohlat de मनन भारद्वाज

Qui a composé la chanson “Mohlat” de मनन भारद्वाज?
La chanson “Mohlat” de मनन भारद्वाज a été composée par Manan Bhardwaj.

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