Sugandhi
Manndar Cholkar
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
सुगंधी शहारा सुगंधी
मनाला वेड हे सुगंधी
सुगंधी इशारा सुगंधी
सुखाची ओढ हि सुगंधी
पहाट वेळी स्वप्न पडावे
मनातले साकारून यावे
क्षणात एका जग बदलावे
सुगंधी शहारा सुगंधी
मनाला वेड हे सुगंधी
कोणते हे नवे भास देते हि नशा
का असा होतो जीव हा वेडापिसा
हम्म हम्म
चाहुली कुणाच्या या मनी लागते
झेलला अलगद कुणी हा सुखाचा ठसा
सुगंधी शहारा सुगंधी (सुगंधी सुगंधी)
मनाला वेड हे सुगंधी
सुगंधी इशारा सुगंधी (सुगंधी इशारा सुगंधी)
सुखाची ओढ हि सुगंधी (सुखाची ओढ हि सुगंधी)
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ