Woh Jab Yaad Aaye
ASAD BHOPALI, LAXMIKANT PYARELAL
वो जब याद आए बहुत याद आए
वो जब याद आए बहुत याद आए
गम ए जिंदगी के अंधेरे में हमने
चिराग ए मुहब्बत जलाए बुझाए
वो जब याद आए बहुत याद आए
वो जब याद आए बहुत याद आए
आहटें जाग उठीं रास्ते हस दिए
थामकर दिल उठे हम किसी के लिए
कहीं बार ऐसा भी धोखा हुआ है
चले आ रहे हैं वो नज़रें झुकाए
वो जब याद आए बहुत याद आए
वो जब याद आए बहुत याद आए