Aag Chhidak Gayi
आग छिड़क गई चाँदनी
मेरे गोरे बदन पे
हो मेरे कोमल मन पे
आज मैं घिर गई घिर गई
घिर गई रे
आग चिड़क गई चाँदनी
मेरे गोरे बदन पे
हो मेरे कोमल मन पे
आज मैं घिर गई घिर गई
घिर गई रे
लहरों के संग छम छम नाचे
किरणों की गोरिया धीरे से कोई
खींचे दिल के परदों की ये डोरिया
झूम के क्या कहता है आसमां
में संग हुई मेरे सजना हाय
आज मैं घिर गई घिर गई
घिर गई रे
आग चिड़क गई चाँदनी
मेरे गोरे बदन पे
हो मेरे कोमल मन पे
आज मैं घिर गई घिर गई
घिर गई रे
रात सुहानी चुपके से
कुछ कानों में कह गई
मेरे दिल की बात बैदर्दी
दिल में ही रह गई
तारे भी कर गए
इशारे हसे मधुमस्त नज़रे
हाय आज मैं घिर गई घिर गई
घिर गई रे
आग छिड़क गई चाँदनी
मेरे गोरे बदन पे
हो मेरे कोमल मन पे
हाय आज मैं घिर गई घिर गई
घिर गई रे
चाँद किसी का सब दुनिया सो गई
मेरी दुनिया प्यार की
सपनों में खो गई
बैठे हैं वो आग लगा के
मगर बलम को बचा के हाय
आज मैं घिर गई घिर गई
घिर गई रे
आग छिड़क गई चाँदनी
मेरे गोरे बदन पे
हो मेरे कोमल मन पे
आज मैं घिर गई घिर गई
घिर गई रे