Mulaqaat Hai
मुलाकात हैं
ख्वाबो की बात हैं
बेताब रात हैं तू कहा
मैं हूँ यहा वो ओ ओ ओ ओ ओ
मुलाकात हैं
ख्वाबो की बात हैं
बेताब रात हैं तू कहा
मैं हूँ यहा वो ओ ओ ओ ओ ओ
मुलाकात हैं
ख्वाबो की बात हैं
थोड़ा नशा छाने दे
थोड़ा मज़ा आने दे
तेरे लिए बेचैन हूँ
भीगी हुई चाँदनी
रंगो से भारी रोशनी
क्या हैं समा कैसे कहु
आ भी जा ओ मेहरबान
वो ओ ओ ओ ओ ओ
मुलाकात हैं
ख्वाबो की बात हैं
सुन ले मेरी इलतेजा आ
भी जा तू आ भी जा
कहती हैं यह बेताबियाँ
छोड़ भी दे अब शरम
रोक ना तू यू कदम
कर ले ज़रा नादानियाँ
लम्हे यह कल फिर कहा
हा आ आ आ
मुलाक़ात हैं ख्वाबो की बात हैं
बेताब रात हैं तू कहा मैं हू यहा
मुलाक़ात हैं ख्वाबो की बात हैं
बेताब रात हैं तू कहा मैं हू यहा
वो ऊओ ओ ओ
मुलाक़ात हैं ख्वाबो की बात हैं