Sunday
Aditya A
सुनता नहीं मैं ज़्यादा बोले जो जहाँ
मेरे दिल में बड़ी है शांति
मेरा बस चले तो रोज़ संडे हो यहाँ
पर जनता नहीं ये मानती
बुरी नज़र वाले तेरा भी हो भला रे
तू मेरे साथ गा ले ज़रा
मैं ज़िन्दगी की विंडो सीट पे
चला हूँ दिल की मस्त बीट पे
ये धड़कनें हैं रीपीट पे
मेरा बस चले तो रोज़ संडे हो यहाँ
पर जानता नहीं ये मानती
पीला सनफ्लावर है ब्लू आसमां
हर चिड़िया मुझे है जानती
वेल्ला मैं बैठा गिन रहा हूँ हिच्कियाँ
फूल पत्तियाँ ये धूप छानती
थोड़ा गुनगुना लो
चाहे बेसुरा ही गा लो
मुस्कुराना फ़्री है यहाँ
मैं ज़िन्दगी की विंडो सीट पे
चला हूँ दिल की मस्त बीट पे
ये धड़कनें हैं रीपीट पे
मेरा बस चले तो रोज़ संडे हो यहाँ
पर जनता नहीं ये मानती